उद्देश्य
संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र की धारा एक के अनुसार संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations – UN) के निम्नलिखित उद्देश्य हैं –
- विश्व में अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा बहाल करना.
- समान अधिकारों एवं जनता के स्वनिर्धारण के सिद्धातों के आधार पर देशों के बीच सौहार्दपूर्ण सम्बन्ध का विकास करना.
- अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक-सामाजिक संस्कृति और मानवीय समस्याओं के निराकरण तथा मानवाधिकारों व मौलिक स्वतंत्रताओं के प्रति निष्ठा के संवर्धन के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग करना.
- इन सामूहिक लक्षणों की प्राप्ति में राष्ट्रों के क्रियाकलाप में सहमति बनाने वाले केंद्र के रूप में अपनी पहचान बनाना.
सिद्धांत
- संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी सदस्यों की संप्रभु समानता.
- संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations – UN) द्वारा स्वीकृत किये गये चार्टर के सभी उत्तरदायित्वों का स्वेच्छा से पालन करना.
- अंतर्राष्ट्रीय विवादों का शांतिपूर्ण समाधान ताकि अंतर्राष्ट्रीय शांति, सुरक्षा और न्याय खतरे में न पड़े.
- सभी सदस्य ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे अन्य देशों की प्रादेशिक अखंडता पर आँच न आये.
- सभी सदस्य संयुक्त राष्ट्र संगठन को हर संभव सहायता उपलब्ध कराएँगे तथा ऐसे देश को किसी प्रकार की सहायता प्रदान नहीं करेंगे जिसके विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र संगठन कोई कार्रवाई कर रहा होगा.
- संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations – UN) इस बात का प्रयास करेगा कि जो देश संगठन के सदस्य नहीं है वे भी संगठन के सिद्धांतों के अनुकूल आचरण करे.
- जो मामले मूल रूप से किसी भी देश के आंतरिक क्षेत्राधिकार (घरेलू अधिकारिता) में आते हैं उनमें संयुक्त राष्ट्र हस्तक्षेप नहीं करेगा.
अंग
संयुक्त राष्ट्र संघ के 6 अंग हैं –
- संयुक्त राष्ट्र महासभा (General Assembly)
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् (Security Council)
- आर्थिक एवं सामाजिक परिषद् (Economic and Social Council)
- अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice)
- संयुक्त राष्ट्र सचिवालय (Secretariat)
- विशिष्ट एजेंसियाँ (Specialized Agencies )
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