पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) -
‘पारिस्थितिकी तंत्र' शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग ए.जी. टान्सले द्वारा 1935 में किया गया था। सामान्य रूप से जीवमंडल के सभी संघटकों के समूह, जो पारस्परिक क्रिया में सम्मिलित होते हैं, को पारिस्थितिकी तंत्र कहा जाता है। यह पारितंत्र प्रकृति की क्रियात्मक इकाई है जिसमें इसके जैविक तथा अजैविक घटकों के बीच होने वाली जटिल क्रियाएँ सम्मिलित होती हैं।
पारितंत्र एक ऐसी इकाई होती है जिसके भीतर वे सभी जैविक समुदाय आ जाते हैं जो एक निर्दिष्ट क्षेत्र के भीतर एक साथ कार्य करते हैं तथा भौतिक पर्यावरण (अजैविक घटक) के साथ इस तरह परस्पर क्रिया करते हैं कि ऊर्जा का प्रवाह स्पष्टतः निश्चित जैविक संरचनाओं
के भीतर होता है और जिसमें विभिन्न तत्वों का सजीव तथा निर्जीव अंशों में चक्रण होता रहता है।
पारिस्थितिकी तंत्र की विशेषताएँ (Characteristics of Ecosystem) -
- यह संरचित एवं सुसंगठित तंत्र होता है।
- पारिस्थितिकी तंत्र प्राकृतिक संसाधन तंत्र होते हैं।
- पारिस्थितिकी तंत्र की उत्पादकता उसमें ऊर्जा की सुलभता पर निर्भर करती है।
- पारिस्थितिकी तंत्र के विभिन्न प्रकार ऊर्जा द्वारा संचालित होते हैं।
- पारिस्थितिकी तंत्र एक खुला तंत्र है जिसमें पदार्थों तथा ऊर्जा का सतत् निवेश (Input) तथा बहिर्गमन (Output) होता है।
- आकार के आधार पर इसे अनेक भागों में बाँटा जा सकता है:
No comments:
Post a Comment