Thursday, June 17, 2021

रिजूम

“रिजूम एक ऐसा दस्तावेज होता है जिसका उपयोग एक व्यक्ति द्वारा अपना बैकग्राउंड, कौशल तथा प्राप्तियों को दर्शाने के लिए बनाया जाता है. इसे कई कारणों से बनाया जाता है, लेकिन अधिकतर इसे नया जॉब ढूढ़ने के लिए उपयोग किया जाता है.”

इस परिभाषा से स्पष्ट है कि रिजूम में किसी व्यक्ति की उपलब्धियों का विवरण होता है. जिनके बारे में नियोक्ता (Recruiters) को जानकारी दी जाती है.

रिजूम का उपयोग नई नौकरी पाने के लिए किया जाता है. मगर, किसी प्रोफेशनल कोर्स में एडमिशन लेते वक्त भी स्टुडेंट्स से रिजूम की मांग की जा सकती है. क्योंकि एक रिजूम में व्यक्तिगत जानकारी के अलावा शैक्षिक, कार्य-अनुभव, प्राप्त इनाम और सम्मान, रुची, सॉफ्ट स्किल्स आदि के बारे में संक्षेप विवरण दिया जाता है. जो उस व्यक्ति को संबंधित व्यक्तियों (HR Department और Admission Council) के सामने प्रस्तुत कर देता है.

रिजूम ही आपका पहला इम्प्रेशन होता है और अंग्रेजी में एक कहावत है कि, “first impression is the last impression.” इसलिए एक प्रभावशाली और गुड लुकिंग रिजूम बनाने की कला ही हजारों आवेदनों में आपको विशेष बनाती है.

Resume क्यों बनाते है – Why should I make a Resume?

अब सवाल आता है कि मुझे रिजूम क्यों बनाना चाहिए? रिजूम बनाने से क्या फायदें होते है (Resume Advantages in Hindi)?

रिजूम आपकी गैर-मौजूदगी में आपका प्रतिनिधित्व करता है. यह एक आभासी मगर वास्तविक छवि निर्माण करने वाला दस्तावेज साबित हुआ है. इसलिए मैट्रिक (दसवीं कक्षा) पास करते ही रिजूम बनाने की शुरुआत कर देनी चाहिए.

हमें रिजूम बनाने की आवश्यकता कई कारणों से हो सकती है. मगर मैं यहाँ सिर्फ दो मुख्य कारण ही गिना रहा हूँ.

  • नौकरी के लिए आवेदन करना – पढ़ाई पूरी करने के बाद हर कोई जल्द से जल्द नौकरी पाना चाहता है. और नौकरी का रास्ता रिजूम से होकर जाता है. जब भी कोई नई भर्ती निकलती है तो आवेदन पत्र के साथ आवेदनकर्ता से रिजूम भी मांगा जाता है. सीधे आवेदनकर्ता को नहीं बुलाया जाता है. रिजूम पढ़कर ही आवेदनकर्ता को इंटरव्यु के लिए बुलाया जाता है.
  • युनिवर्सिटी में एडमिशन लेना – यदि आप प्रोफेशनल पढ़ाई करना चाहते है तो कोर्स में एडमिशन लेने से पहले आपको कोर्स प्रवेश प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. अधिकतर विदेशी युनिवर्सिटिज में एडमिशन देने से पहले स्टुडेंट्स की एकेडेमिक्स को जानने के लिए रिजूम की मांग़ की जाती है.

Resume और CV में मुख्य अंतर क्या होता है – Difference between Resume and CV in Hindi?

Resume और CV ये दो शब्द एक-दूसरे के लिए परस्पर इस्तेमाल किए जाते है. क्योंकि इन दोनों शब्दों को एक ही मान लिया गया है.

मगर, ये दोनों शब्द अलग-अलग है और भिन्न अर्थ तथा उद्देश्य रखते है.

अब आप सर मत खुजाइए. मैं बता तो रहा हूँ Resume और CV में क्या अंतर होता है? ये कैसे एक-दूसरे से भिन्न है?

  • अर्थ – CV का अर्थ Curriculum Vitae होता है यानि जीवन-क्रम. और रिजूम प्रोफेशनल तथा शैक्षिक योग्यताओं का संक्षिप्त विवरण है.
  • उद्देश्य – रिजूम और सीवी दोनों को नए जॉब ढूँढ़ने के लिए ही बनाया जाता है. लेकिन, कुछ युनिवर्सीटीज में एडमिशन देने से पहले भी रिजूम मांगा जाता है. रिजूम को लगभग सभी इंडस्ट्रीज में अपनाया गया है. वहीं सीवी केवल शैक्षिक, विज्ञान, कानून (लॉ) तथा मेडिकल इंडस्ट्रीज तक सीमित है.
  • लंबाई – एक रिजूम अधिकतम दो पन्नों पर बनाया जाता है. लेकिन, सीवी की लंबाई आमतौर पर 4 पन्नों तक होती है. जो घटाई-बढ़ाई जा सकती है.

Resume एक Biodata से कैसे अलग होता है – Difference between Resume and Biodata?

अभी ऊपर हमने Resume और CV में अंतर को जाना है.

इन दोनों के अलावा एक शब्द और नियोक्ता तथा करियर कोच इस्तेमाल करते है. जिसे Biodata कहते है.

बायोडेटा को रिजूम तथा करिकुलम वीटे का पूराना नाम माना गया है. इसलिए ये तीनों शब्द फ्रेशर्स को तो उलझाते ही है. अनुभवी कर्मचारी भी अपना सर धुन लेते है.

इसलिए Resume, CV एवं Biodata में अंतर को समझना भी जरूरी है. ताकि इन तीनों शब्दों में छिपे हुए बारीक अर्थों को समझा जा सके.

मैं, यहाँ केवल बायोडेटा और रिजूम को शामिल कर रहा हूँ. सीवी और बायोडेटा में अंतर को आप आसानी से समझ जाऐंग़े. क्योंकि रीजूम सीवी का छोटा रूप ही है.

  • अर्थ – बायोडेटा का मतलब “जीवन-वृत” होता है. और रीजूम का मतलब शैक्षिक और प्रोफेशनल प्राप्तियों के संक्षिप्त विवरण से है.
  • उद्देश्य – रिजूम और बायोडेटा दोनों का इस्तेमाल जॉब आवेदन के लिए ही किया जाता है. मगर, बायोडेटा को अधिकतर सरकारी नौकरी तथा मैटरीमॉनी से संबंधित कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. वहीं रिजूम को हर इंडस्ट्री में मान्यता प्राप्त है.
  • लंबाई – रिजूम और बायोडेटा की लंबाई लगभग बराबर ही होती है.
  • कंटेट – एक बायोडेटा और रिजूम में मुख्य अंतर कंटेट ही बनता है. क्योंकि बायोडेटा में निजी जानकारी (जन्म दिनांक, वैवाहिक स्थिति, लिंग, शारिरिक बनावट, रंग-रूप आदि) के वर्णन पर जोर दिया जाता है. रिजूम में इस प्रकार की व्यक्तिगत जानकारी नहीं लिखि जाती है.  

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