सामान्य परिचय:
- उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की स्थापना 4 अप्रैल, 1949 को 12 संस्थापक सदस्यों द्वारा अमेरिका के वाशिंगटन में किया गया था। यह एक अंतर- सरकारी सैन्य संगठन है।
- इसका मुख्यालय बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में अवस्थित है। वर्तमान में इसके सदस्य देशों की संख्या 30 है।
- नाटो यूरोप और उत्तरी अमेरिका के देशों के मध्य एक सैन्य गठबंधन है।
- वर्ष 2017 एवं 2020 में क्रमश: मोंटेनेग्रो और उत्तरी मैसिडोनिया को सदस्य देश के रूप में शामिल किया गया है।
- नाटो सामूहिक रक्षा के सिद्धांत पर काम करता है, जिसका तात्पर्य ‘एक या अधिक सदस्यों पर आक्रमण सभी सदस्य देशों पर आक्रमण माना जाता है। ज्ञातव्य है कि यह नाटो के अनुच्छेद 5 में निहित है। इस अनुच्छेद को पहली बार संयुक्त राज्य अमेरिका पर हुए आतंकवादी हमले (11 सितंबर, 2001)के बाद लागू किया गया था।
- नाटो में कोई भी निर्णय सभी 30 सदस्यों के सामूहिक इच्छा के आधार पर ली जाती है।
- नाटो के सदस्य देशों का कुल सैन्य खर्च विश्व के सैन्य खर्च का 70% से अधिक है, जिसमें अमेरिका अकेले अन्य यूरोपीय देशों की तुलना में अधिक खर्च करता है।
नाटो का उद्देश्य:
- इसकी स्थापना के समय प्रमुख उद्देश्य पश्चिम यूरोप में सोवियत संघ की साम्यवादी विचारधारा को रोकना था।
- राजनीतिक और सैन्य तरीकों से अपने सदस्य राष्ट्रों की स्वतंत्रता और सुरक्षा की गारंटी प्रदान करना।
- वर्तमान और भविष्य के खतरों से निपटने के लिये नवाचार एवं अनुकूलन के साथ-साथ उपकरणों के निर्माण को प्रोत्साहित करना।
- सदस्य देशों के बीच एकजुटता और सामंजस्य की भावना पैदा करना।
- यूरोप में व्यक्तिगत स्वतंत्रता, लोकतंत्र, मानव अधिकारों एवं कानून के शासन के समान मूल्यों के आधार पर स्थायी शांति सुनिश्चित करना।
- अपने सदस्य देशों के क्षेत्र की रक्षा करना और जब संभव हो तो संकट को कम करने के लिये भी प्रयास करना ।
- किसी भी सदस्य देश को राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में निर्धारित प्राथमिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिये अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करने के लिये मजबूर ना करना।
- अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्पन्न होने वाले नए खतरों से निपटने हेतु न केवल सामूहिक रक्षा प्रदान करना बल्कि संकट की स्थितियों का प्रबंधन करने के साथ-साथ सहकारी सुरक्षा को प्रोत्साहित करना भी है।
- समुद्र या समुद्र से संभावित खतरों से अपने सहयोगियों को रक्षा करने में मदद करना।
- आतंकवाद को किसी भी रूप में स्वीकार न करना।
नाटो के कार्य:
- नाटो आतंकवाद की समस्या से निपटने के साथ-साथ आतंकवादी हमले के परिणामों का प्रबंधन करने के लिये नई क्षमताओं और प्रौद्योगिकियों का विकास करता है।
- नाटो लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने और अपने सदस्यों देशों की समस्याओं को हल करने के अलावा न केवल विश्वास का निर्माण करता है बल्कि रक्षा और सुरक्षा मामलों पर परामर्श और सहयोग की अनुमति भी देता है।
- नाटो शांतिपूर्ण तरीके से विवादों को हल करने के लिये राजनयिक प्रयास करता है यदि ये प्रयास विफल होता है तो उसे इस प्रकार के संकट प्रबंधन कार्यों को करने के लिये सैन्य शक्ति का भी प्रयोग करना पड़ता है।
- नाटो के मुख्य कार्य क्रमश सामूहिक सुरक्षा ,संकट प्रबंधन और सहकारी सुरक्षा है जिसे वर्तमान रणनीतीक अवधारणा (2010) के अंतर्गत निर्धारित किया गया है।
- नाटो,नि:शस्रीकरण ,हथियारों के नियंत्रण और इसके अप्रसार के लिये वचनबद्ध है। इस प्रकार ये गठबंधन के सुरक्षा उद्देश्यों की उपलब्धि के साथ-साथ रणनीतिक स्थिरता और सामूहिक सुरक्षा के लिये भी एक आवश्यक योगदान देता है।
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